मध्य प्रदेश

Sidhi News: सीधी जिला चिकित्सालय में आईसीयू वार्ड अव्यवस्था का आलम

सीधी जिला चिकित्सालय में गंभीर मरीजों के उपचार के लिए बने आईसीयू वार्ड को अव्यवस्थाओं के चलते स्वत: ही गहन चिकित्सा की दरकार है

सीधी जिला चिकित्सालय में गंभीर मरीजों के उपचार के लिए बने आईसीयू वार्ड को अव्यवस्थाओं के चलते स्वत: ही गहन चिकित्सा की दरकार है। दरअसल आईसीयू वार्ड की व्यवस्था होने के बाद से ही यह सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से मोहताज है। लिहाजा वार्ड में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आईसीयू वार्ड का जायजा लेने पर मालुम पड़ा कि यहां भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को सामान्य वार्ड के मरीजों के समान भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

इस वार्ड में बेड एवं गद्दे तो बेहतर हैं लेकिन इलाज की व्यवस्था मुस्तैद नहीं है। वार्ड की साफ-सफाई नियमित न होने के कारण मरीजों एवं उनके परिजनों को घुटन भरे माहौल में रहना पड़ता है। जबकि आईसीयू वार्ड के संचालन का मुख्य उद्देश्य गंभीर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों को चिकित्सकों की विशेष निगरानी में रहना चाहिये। जिससे समय-समय पर उनका परीक्षण एवं उपचार होने से उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार आ सके।

चर्चा के दौरान कई वार्ड कर्मचारियों ने बताया कि जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए। यहां देखा यह जाता है कि जो मरीज गंभीर नही होते हैं उनको भी सिफारिश कोटा के तहत आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया जाता है। जिला चिकित्सालय में कभी भी आईसीयू वार्ड का संचालन मापदंडों के अनुसार नहीं किया गया। यह परंपरा करीब तीन वर्षों से चल रही है। केवल औपचारिकता के लिए आईसीयू वार्ड जिला अस्पताल के दूसरे मंजिल में बनाया गया है।

हैरत की बात तो यह है कि चिकित्सा विभाग के कई प्रदेश अधिकारी भी जिला चिकित्सालय का समय-समय पर भ्रमण करते रहे हैं। किन्तु उनके द्वारा भी आईसीयू वार्ड का जायजा लिया जाता है। इसी वजह से आईसीयू वार्ड में केवल बेडों की व्यवस्था ही सही रखी जा रही है। आईसीयू वार्ड में बेहतर व्यवस्था तभी बन सकती है जब यहां चौबीस घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की बारी-बारी से ड्यूटी लगे। यहां केवल काम चलाऊ व्यवस्था ही बनाई गई है। ऐसे में आईसीयू वार्ड में गंभीर मरीजों को भर्ती कर गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था सालों बाद भी नहीं बन पाई है। ज्यादातर गंभीर मरीजों को परीक्षण करने के बाद ही चिकित्सक सीधे मेडिकल कालेज अस्पताल रीवा के लिए रेफर कर देते हैं।

यदि जिला चिकित्सालय सीधी के आईसीयू वार्ड में जीवन रक्षक मशीनों के साथ ही गहन चिकित्सा की व्यवस्थाएं हो तों गंभीर मरीजो को समय पर बेहतर उपचार सुविधा का लाभ मिल सकता है। यहां आईसीयू वार्ड को केवल कागजों में ही संचालित किया जा रहा है। इस मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग एवं जिला चिकित्सालय प्रबंधन पूरी तरह से निष्क्रिय है। इसी के चलते गंभीर मरीजो को आईसीयू वार्ड में भर्ती कर गहन चिकित्सा उपलब्ध कराने के बजाय सीधे रेफर करने का सिलसिला शुरू किया गया है।

जिससे कई गंभीर मरीजों को समय पर गहन चिकित्सा का लाभ न मिलने और मेडिकल कालेज रीवा पहुंचने से रास्ते में ही मौत हो जाती है। विडम्बना यह है कि इस गंभीर समस्या पर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी मूकदर्शक बने हुए हैं। जिसके चलते सीधी जिले के गंभीर मरीजो को जिला चिकित्सालय में परिजनों द्वारा काफी दूर से लाने के बाद भी गहन चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं मिल पाता।

जिला चिकित्सालय का आईसीयू वार्ड केवल सामान्य मरीजों के भर्ती करने का अतिरिक्त विकल्प बना हुआ है। जिसको समय के अनुसार बेहतर करने की आवश्यकता है। यहां आक्सीजन के अलावा और कोई जीवन रक्षक मशीनें भी नहीं लगाई गई हैं। जिससे गंभीर मरीजों को जीवनदान मिल सक।

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